Indian Railway Information: रेलवे बनाएगा 10 हजार नए कोच, किसी भी जोन में नहीं होगी कमी

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भारतीय रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 में 10 हजार नान- एसी कोच निर्माण करने का निर्णय लिया है। दो वर्ष का यह लक्ष्य जब पूरा हो जाएगा, उसके बाद किसी भी जोन में कोच की कमी नहीं रहेगी। इसका उपयोग ट्रेनों में अतिरिक्त कोच जोड़ने के लिए किया जाएगा ताकि प्रतीक्षासूची के यात्रियों को कंफर्म बर्थ मिल सके।

By Shiv Soni

Publish Date: Sat, 06 Jul 2024 08:53:59 AM (IST)

Up to date Date: Sat, 06 Jul 2024 08:04:43 PM (IST)

फाइल फोटो

HighLights

  1. यात्रियों की यात्रा को आसान करने के लिए बनाई गई योजना है।
  2. दो वर्ष का लक्ष्य, ट्रेनों में अतिरिक्त कोच जोड़ने में आएगा काम।
  3. यात्रियों को परेशानियों से मिलेगी राहत अब बर्थ मिलना हागा आसान।

नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। यह योजना आम यात्रियों की यात्रा को आसान करने के लिए बनाई गई है। इसमें 5300 से अधिक जनरल कोच हैं। माना जा सकता है कि रेलवे आम यत्रियों को राहत देने का प्रयास कर रहा है। पहले वित्तीय वर्ष 2024-25 में रेलवे ने अमृत भारत जनरल कोचों सहित 2605 जनरल कोच, अमृत भारत स्लीपर कोच के अलावा 1470 नान एसी स्लीपर, अमृत भारत एसएलआर कोच सहित 323 एसएलआर कोच, 32 उच्च क्षमता वाले पार्सल वेन और 55 पेंट्रीकार बनाने बनाई जाएगी।

वहीं वित्तीय वर्ष 2025-26 में 2710 जनरल कोच का निर्माण किया जाएगा। जिनमें अमृत भारत के जनरल कोच भी शामिल है। अमृत भारत ट्रेन को मिलाकर 1910 स्लीपर कोच बनाए जाएंगे। इसके साथ ही 514 एसएलआर कोच, 200 उच्च क्षमता वाले पार्सल वेन और 110 पेंट्रीकार बनाने की योजना है।

रेल सेवा की मांग गतिशील है और मौसमी बदलाव, यात्री यातायात की वृद्धि के आधार पर घटती व बढ़ती रहती है। कोच का निर्माण आम तौर पर आवश्यकता के अनुरूप होता है। जाहिर है कि जब इतनी बड़ी संख्या में भारती रेलवे की कोच फैक्ट्री में नए कोच का निर्माण होगा तो उसे अलग- अलग रेलवे जोन को दिया जाएगा।

इसमें कमाऊपूत जोन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे भी शामिल रहेगा। नए कोच उपलब्ध होने के बाद रेल प्रशासन लंबी दूरी की ट्रेनों में अतिरिक्त कोच की सुविधा दे सकता है। कई बार ऐसा होता है कि रेलवे अतिरिक्त कोच लगाना चाहता है। लेकिन, कोच की उपलब्धता नहीं होने के कारण यह सुविधा शुरू नहीं हो पाती।

जबकि अधिकांश ट्रेनों में पीक सीजन के समय अतिरिक्त कोच की जरुरत पड़ती है। इस सीजन के समय ट्रेनों में प्रतीक्षासूची बढ़ जाती है। इस स्थिति में यात्री या तो यात्रा रद कर देते हैं या फिर वेटिंग टिकट लेकर आरक्षित कोच में सफर करते हैं। बिना बर्थ के यात्रा करने से यात्रियों को परेशानियां भी होती है।

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