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उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि आज देश के न्याय प्रणाली के लिए ऐतिहासिक दिन है। पुराने कानून को समाप्त करके नया कानून लागू किया गया है। जब कोई कानून बनाया जाता है, तो उसमें कानून बनाने वाले की सोच क्या है, उद्देश्य क्या है ये बड़ा महत्व रखता है। कोई पीड़ित दंड नहीं, न्याय चाहता है। इस नए कानून में समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप परिवर्तन किया गया

By Yogeshwar Sharma

Publish Date: Tue, 02 Jul 2024 12:55:56 AM (IST)

Up to date Date: Tue, 02 Jul 2024 12:55:56 AM (IST)

HighLights

  1. उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नए कानून की दी जानाकारी
  2. सिटी कोतवाली में अतिथियों को किताबों की एक- एक प्रति दी गई
  3. एसपी ने कहा त्वरित मिलेगा लोगों को न्याय

नईदुनिया न्यूज, मुंगेली : उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि आज देश के न्याय प्रणाली के लिए ऐतिहासिक दिन है। पुराने कानून को समाप्त करके नया कानून लागू किया गया है। जब कोई कानून बनाया जाता है, तो उसमें कानून बनाने वाले की सोच क्या है, उद्देश्य क्या है ये बड़ा महत्व रखता है। कोई पीड़ित दंड नहीं, न्याय चाहता है। इस नए कानून में समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप परिवर्तन किया गया है।

इसके जरिए लोगों को पूरी पारदर्शिता के साथ समय पर न्याय मिल सकेगा। डिप्टी सीएम साव ने जिला मुख्यालय मुंगेली के थाना सिटी कोतवाली में नवीन कानूनों के शुभारंभ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के लागू होने पर जिलेवासियों को बधाई दी और कानून बनने की पृष्ठभूमि के बारे में विस्तार से बताया। विधायक पुन्नूलाल मोहले ने कहा कि नया कानून में अब लोग घर बैठे आनलाइन रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं। इसमें कई नए प्रावधान शामिल किए गए हैं। जिससे लोगों को अब त्वरित न्याय मिल सकेगा।

कलेक्टर राहुल देव ने कहा कि सामाजिक परिवर्तन के अनुरूप कानून व्यवस्था होना बहुत आवश्यक है। इस कानून के जरिए लोकतंत्र को और सशक्त व मजबूत बनाया जा सकता है। इस कानून में दंड के बजाय न्याय को प्राथमिकता, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल तकनीकों को जगह दी गई है। पब्लिक सर्वेंट के लिए भी कई प्रावधान है। नए कानून में भारतीय दंड संहिता 1860 के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता 2023 को अधिसूचित किया गया है। इसी तरह दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को अधिसूचित किया गया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गिरिजाशंकर जायसवाल ने नए कानून की उपयोगिता और उसके महत्व के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज से नए कानून के अनुसार कार्रवाई होगी। पूर्व में लागू कानून के समय परिस्थितियां अलग थी। आज समय के अनुसार काफी चीजों में बदलाव आ गया है। नए कानून का मुख्य उद्देश्य औपनिवेशिक कानूनों में बदलाव, नागरिक केन्द्रित एवं कल्याणकारी अवधारणा, महिला सुरक्षा एवं न्याय, अनुसंधान में वैज्ञानिक तकनीक, डिजीटल एवं इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के प्रावधान, उचित नियंत्रण एवं संतुलन के साथ पुलिस का सामन्जस्यपूर्ण सशक्तिकरण और समयबद्ध प्रक्रिया, साक्ष्य संग्रह और प्रस्तुति की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के साथ ही

मूल्यांकन में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर डीएफओ संजय यादव, नपा अध्यक्ष हेमेन्द्र गोस्वामी व उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह, जनपद के उपाध्यक्ष पवन पांडेय, शैलेष पाठक, विभिन्न संगठनों के सदस्यगण, अन्य जनप्रतिनिधिगण, अधिवक्ता संघ मुंगेली के अध्यक्ष टीकम चंद्राकर, वरिष्ठ नागरिकगण और बड़ी संख्या में नगरवासी मौजूद रहे। कार्यक्रम के समापन में मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह और नवीन कानून से संबंधित किताब प्रदान कर सम्मानित किया। आभार प्रदर्शन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पंकज पटेल ने किया।

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