Bilaspur Crime Information: छात्र वीजा पर आए विदेशियों ने किया 27 लाख का आनलाइन फ्राड

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एसपी रजनेश सिंह ने बताया कि सरकंडा क्षेत्र के मोपका स्थित राजनगर कालोनी में रहने वाले सियाशरण तिवारी रिटायर्ड कर्मचारी हैं। उनके मोबाइल पर फरवरी महीने में अनजान नंबर से काल आया। फोन करने वाले ने उन्हें घर बैठे कमाई का झांसा दिया। जालसाज की बातों में आकर रिटायर्ड कर्मचारी ने काम करना शुरू कर दिया।

By sarfraja

Publish Date: Tue, 02 Jul 2024 01:19:53 AM (IST)

Up to date Date: Tue, 02 Jul 2024 01:19:53 AM (IST)

दो विदेशी युवकों समेत चार युवकों को सरकंडा पुलिस ने हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया है।

HighLights

  1. हिमाचल प्रदेश से दो विदेशी समेत चार इंजीनियरिंग व फार्मेसी के छात्र गिरफ्तार
  2. दो लैपटाप और बैंक पासबुक जब्त
  3. बिलासपुर (सरकंडा) पुलिस की बड़ी कार्रवाई

नईदुनिया न्यूज, बिलासपुर। सरकंडा क्षेत्र के राजनगर कालोनी में रहने वाले रिटायर्ड कर्मचारी को घर बैठे कमाई का झांसा देकर 27 लाख की धोखाधड़ी करने वाले दो विदेशी युवकों समेत चार युवकों को सरकंडा पुलिस ने हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया है। आरोपित विदेशी युवक यहां छात्र वीजा पर आकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे। उनके साथ पकड़े गए युवक भी इंजीनियरिंग और फार्मेसी के छात्र हैं। पुलिस ने पीड़ित के नौ लाख वापस करा दिए हैं। युवकों के कब्जे से दो लैपटाप और बैंक पासबुक जब्त किया गया है।

एसपी रजनेश सिंह ने बताया कि सरकंडा क्षेत्र के मोपका स्थित राजनगर कालोनी में रहने वाले सियाशरण तिवारी रिटायर्ड कर्मचारी हैं। उनके मोबाइल पर फरवरी महीने में अनजान नंबर से काल आया। फोन करने वाले ने उन्हें घर बैठे कमाई का झांसा दिया। जालसाज की बातों में आकर रिटायर्ड कर्मचारी ने काम करना शुरू कर दिया। पहले उन्हें कुछ टास्क दिया गया। इसके बदले उन्हें कुछ रकम भी दी गई। रुपये मिलने पर रिटायर्ड कर्मचारी का भरोसा फोन करने वालों पर हो गया।

बाद में उन्हें मोटी कमाई के लिए कुछ रुपये इनवेस्ट करने कहा गया। लालच में आकर पहले उन्होंने कुछ रकम जमा किए। इसका मुनाफा पाने के लिए उन्हें और रकम जमा करने कहा गया। रुपये मिलने की आशा में रिटायर्ड कर्मचारी ने अलग-अलग कर 27 लाख रुपये जालसाजों के खाते में जमा कर दिए। इसके बाद भी उन्हें रुपये वापस नहीं मिल सके। रिटायर्ड कर्मचारी ने धोखाधड़ी की शिकायत सरकंडा थाने में की। इस पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर जांच शुरू कर दी। तकनीकी जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपित युवक हिमाचल प्रदेश के शिमला और सोलन के आसपास रहते हैं।

इस पर एसीसीयू की टीम को हिमाचल प्रदेश रवाना किया गया। पुलिस ने की टीम ने तकनीकी इनपुट के आधार पर पुलिस की टीम ने वाकनाघाट सोलन स्थित बहरा विश्वविद्यालय के चार छात्रों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें से दो छात्र विदेश से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने भारत आए हैं। वहीं, एक छात्र जम्मू कश्मीर का रहने वाला है। जम्मू कश्मीर निवासी राजवीर फार्मेसी का छात्र है। वहीं, अन्य तीनों छात्र इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं।

एक साल से कर रहे थे धोखाधड़ी

एएसपी अनुज कुमार ने बताया कि छात्र एक साल से लोगों को अलग-अलग टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर धोखाधड़ी की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। आरोपित छात्र लोगों को घर बैठे मोटी कमाई का लालच देकर झांसे में लेते थे। इस बीच उनका भरोसा जीतने के लिए पहले कुछ रुपये भी देते थे। ये रुपये भी धोखाधड़ी से दूसरे के खातों से भेजे जाते थे। पुलिस ने आरोपित युवकों के कब्जे से दो लैपटाप, बैंक पासबुक को जब्ज कर लिया है।

पकड़े गए युवक

प्रियांशु रंजन(20) निवासी एसबीआई भास्कर राव नगर साई रेसीडेंनसी सैनिकपुरी हैदराबाद वर्तमान पता बाहरा विश्वविद्यालय वाकनाघाट शिमला

राजवीर सिंह(22) निवासी ग्राम व पोस्ट कलालकरन जम्मू काश्मीर वर्तमान पता बाहरा विश्वविद्यालय वाकनाघाट शिमला

मोहम्मद शोबुज मोरल(22) निवासी तेलीखानी दारून मोरनी खुलना बांग्लादेश वर्तमान बाहरा यूनीवर्सिटी वाकनाघाट शिमला

टेम्फू कार्ल नगेह(22) निवासी बामेन्डा नर्कन कमेरुनियन वर्तमान पता बाहरा यूनिवर्सिटी वाकनाघाट सोलन वाकनाघाट शिमला

एक सप्ताह की रेकी, तब पकड़े गए आरोपित

पुलिस की टीम ने एक सप्ताह तक हिमाचल प्रदेश में रहकर आरोपित युवकों की जानकारी जुटाई। इसके बाद हिमाचल पुलिस के सहयोग से आरोपित युवकों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस की टीम को एएसपी उमेश कश्यप, एसीसीयू के नोडल अफसर एएसपी अनुज कुमार, सीएसपी निमितेश सिंह दिशा-निर्देश दे रहे थे। टीम में एसीसीयू के प्रभारी निरीक्षक राजेश मिश्रा, एसआइ अजय वारे, एएसआइ सुरेश पाठक, आरक्षक विजेंद्र मरकाम, शिरिश तिवारी, मुकेश वर्मा शामिल रहे।

पुलिस की अपील, ऐसे बच सकते हैं जालसाजी से

पुलिस की ओर से लोगों से इनाम या घर बैठे मोटी कमाई के लालच में नहीं फंसने की बात कही है। एएसपी अनुज कुमार ने बताया कि किसी भी कंपनी अथवा संस्थान की वेबसाइट को सर्च करने से पहले जानकारी जरूर लें। एचटीपीपीएस लगी वेबसाइट पर ही सर्च करें। लिंक से भेजे गए किसी भी एप को मोबाइल पर डाउनलोड नहीं करना चाहिए। केवल सेवा प्रदाता के एप को ही मोबाइल पर डाउनलोड किया जाना चाहिए। बैंक या कोई भी संस्थान लिंक भेजकर एप डाउनलोड नहीं कराता। कोई भी संस्थान बैंक की जानकारी नहीं मांगता। अगर कोई आपके मोबाइल पर लिंक भेजकर एप डाउनलोड करने कहता है इससे बचें। ऐसे लोग जालसाज हो सकते हैं। लेनदेन करने से पहले लोगों की जानकारी लें और आसपास के लोगों से भी इस संबंध में चर्चा कर जरूरी जानकारी ले लें। अगर कोई इनाम का लालच दे रहा है तो इसे नजर अंदाज करें। साथ ही बिना मेहनत के रुपये का लालच देने वाले जालसाजी कर रुपये ऐंठने वाले हो सकते हैं। ऐसे लोगों से किसी भी तरह का लेनदेन न करें। घर बैठे लोन देने वाले भी जालसाजी करते हैं। ऐसे लोगों से रुपये लेने से बचना चाहिए।

इंटरनेट पर फर्जी वेबसाइट की भरमार

जालसाजों ने बड़ी कंपनियों और वित्तीय संस्थानों के नाम पर फर्जी वेबसाइट बना रखा है। इसके अलावा सरकारी संस्थान के भी फर्जी वेबसाइट हैं। ये इतने मिलते जुलते हैं कि लोगों को भनक तक नहीं लगती कि फर्जी वेबसाइट में वे पहुंच गए। यहां पर हेल्प डेस्क के नाम पर मोबाइल नंबर दिए होते हैं। इसके कारण लोग आसानी से जालसाजी के शिकार हो जाते हैं। इंटरनेट मीडिया वाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम में प्राइवेसी सेटिंग का उपयोग करें। अनजान रिक्वेस्ट, नंबर मैसेज और काल से सतर्क रहें। अनजान नंबर से आए लिंक को क्लिक ना करें।

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