सड़कों व हाईवे की सुरक्षा सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। अब से इनका इस्तेमाल चालान को काटने के लिए किया जाएगा। दरअसल, प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में इजाफा हुआ है। ट्रैफिक नियमों का ना मानने की वजह से इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसे में ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन कराने के लिए यह कदम उठाए जा रहे हैं।
By Anurag Mishra
Publish Date: Sat, 29 Jun 2024 06:50:07 PM (IST)
Up to date Date: Sat, 29 Jun 2024 06:50:07 PM (IST)
HighLights
- पुलिस कैमरों में सॉफ्टवेयर लगाकर आइटीएमएस की तरह बनाएंगे चालान।
- एक सॉफ्टवेयर लगाने में खर्चा लगभग 18 करोड़ रुपए आएगा।
- 2023 में साढ़े 13 हजार से अधिक लोगों की सड़क दुर्घटना में हुई मौत।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। शहर की सड़कों से लेकर हाईवे तक में सुरक्षा और निगरानी के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरों से भी चालान बनाने की तैयारी है। पुलिस कैमरों में सॉफ्टवेयर लगाकर इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) की तरह चालान बनाएगी। सॉफ्टवेयर लगाने में लगभग 18 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा है। अभी इंदौर और भोपाल सहित सात शहरों में आइटीएमएस से चालान बनाया जाता है। इसमें बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट, स्वीकृत से अधिक सवारी, गलत दिशा में वाहन चलाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाती है।
प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों और घायलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2023 में साढ़े 13 हजार से अधिक लोगों की सड़क हादसों में मौत हो गई। इसके बाद भी ट्रैफिक नियमों की अवहेलना कर वाहन चलानों वालों के विरुद्ध कार्रवाई अपेक्षाकृत बहुत कम है। प्रदेश में 70 प्रतिशत से अधिक सड़क दुर्घटनाएं तेज गति से वाहन चलाने के कारण होती हैं, लेकिन पुलिस का अधिक ध्यान बिना हेलमेट और चार पहिया वाहनों में बिना सीट बेल्ट वालों का चालान बनाने में रहता है।
हेलमेट और सीट बेल्ट ना पहनने वालों पर हर साल 10 लाख का चालान
हर साल 10 लाख से अधिक चालान हेलमेट और सीट बेल्ट नहीं लगाने पर बनाए जाते हैं, जबकि तेज गति से वाहन चलाने वालों के खिलाफ चालानों का आंकड़ा डेढ़ लाख से नीचे ही रहता है। निगरानी कैमरों से चालानी शुरू होने के बाद तेज गति से वाहन चलाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई पर सबसे अधिक जोर रहेगा। ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों पर तेज गति से वाहन चलाने के कारण भी दुर्घटनाएं शहरी क्षेत्र से अधिक होती हैं।