आरती कहती है कि डीएसपी बनने के बाद भी वह पढ़ाई जारी रखेगी। उनका लक्ष्य डिप्टी कलेक्टर बनना है।
By Sandeep Chourey
Publish Date: Fri, 07 Jun 2024 08:39:39 PM (IST)
Up to date Date: Fri, 07 Jun 2024 08:39:39 PM (IST)
HighLights
- रोज सुबह चार बजे से दस बजे तक और शाम को छह बजे से दस बजे तक पढ़ाई का रूटीन था।
- आरती के मुताबिक उन्होंने यह परीक्षा बिना किसी कोचिंग के सिर्फ सेल्फ स्टडी के दम पर उत्तीर्ण की।
- वह बताती है कि उन्होंने अब तक फेसबुक, इंस्टाग्राम पर एकाउंट ही नहीं बनाया।
नवदुनिया प्रतिनिधि, विदिशा। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ( एमपीपीएससी) की परीक्षा में विदिशा के एक छोटे से गांव बिलराई के किसान मालम सिंह की बेटी आरती रघुवंशी ने सफलता प्राप्त की है। आरती का चयन डीएसपी के लिए हुआ है। आरती वर्तमान में नगर पालिका में एलयूएनएम शाखा में सामुदायिक संगठक के पद पर कार्यरत है। उनका लक्ष्य डिप्टी कलेक्टर बनना है। आरती ने यह सफलता दूसरे प्रयास में पाई है।
इसके पहले उन्होंने वर्ष 2019 में परीक्षा दी थी लेकिन उसका साक्षात्कार नहीं हुआ। इसके बाद वर्ष 2023 में हुई परीक्षा में उनका चयन हुआ। आरती के मुताबिक, उनका परिवार एक मध्यम वर्गीय परिवार है। घर की आजीविका पिता की खेती किसानी से ही चलती है लेकिन उनके पिता चाहते थे कि सभी बच्चे अच्छी शिक्षा हासिल कर नौकरी करे।
उन्होंने हायर सेकेंडरी तक की पढ़ाई अटारी खेजड़ा स्कूल से की और स्नातक की पढ़ाई विदिशा स्थित गर्ल्स कॉलेज से की। आरती ने बताया कि वह पिछले 2 वर्षों से नपा में कार्यरत है। नौकरी करते हुए भी वह पीएससी की पढ़ाई करती रही।
रोज सुबह चार बजे से दस बजे तक और शाम को छह बजे से दस बजे तक पढ़ाई का रूटीन था। आरती के मुताबिक उन्होंने यह परीक्षा बिना किसी कोचिंग के सिर्फ सेल्फ स्टडी के दम पर उत्तीर्ण की। वह बताती है कि उन्होंने अब तक फेसबुक, इंस्टाग्राम पर एकाउंट ही नहीं बनाया। व्हाट्स एप का उपयोग भी नगर पालिका में नौकरी के बाद शुरू किया।
आरती का मानना है कि इंटरनेट मीडिया पढ़ाई से ध्यान को डायवर्ट करता है। उनका कहना था की सफलता के लिए कड़ी मेहनत सबसे जरूरी है। वह कहती है कि डीएसपी बनने के बाद भी वह पढ़ाई जारी रखेगी। उनका लक्ष्य डिप्टी कलेक्टर बनना है।
तुलसीदास को नारी हितैषी बता कर जीता दिल
आरती के मुताबिक साक्षात्कार के दौरान उनसे पूछा गया था कि रामायण में तुलसीदास जी लिखते है कि ढोल, गंवार, शूद्र, पशु और नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी। क्या इससे तुलसीदास जी नारी विरोधी नहीं लगते, जिस पर उन्होंने इसी चौपाई का अगला बंध सुनाते हुए जवाब दिया कि इसमें तुलसीदास जी ने शंकर से पहले मां भवानी को वंदित कर इस शंका को दूर कर दिया कि वे नारी विरोधी है। उनके सवाल पर साक्षात्कारकर्ता भी संतुष्ट हो गए। इसके अलावा उनसे राज्य के बजट से लेकर अर्थव्यवस्था संबंधी अन्य सवाल किए थे।