MP Information: 30 प्रतिशत से कम परिणाम देने वाले अतिथि शिक्षक सरकारी स्कूल में नहीं पढ़ा पाएंगे

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MP News:  30 प्रतिशत से कम परिणाम देने वाले अतिथि शिक्षक सरकारी स्कूल में नहीं पढ़ा पाएंगे

स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लगभग 72 हजार से ज्यादा पद खाली हैं। इन पदों पर हर साल अतिथि शिक्षकों की सेवाएं ली जाती हैं।

By Hemant Kumar Upadhyay

Publish Date: Fri, 31 Might 2024 06:44:30 AM (IST)

Up to date Date: Fri, 31 Might 2024 06:44:30 AM (IST)

HighLights

  1. मध्‍य प्रदेश के कई जिलों में हो रही है कार्रवाई
  2. कम परिणाम देने वाले स्कूलों के शिक्षकों पर कार्रवाई होगी
  3. कुछ जिलों में अतिथि शिक्षकों को भी नहीं पढ़ाने के आदेश जारी किए जा रहे हैं।

नईदुनिया प्रतिनिधि,भोपाल। मप्र बोर्ड 10वीं व 12वीं के परीक्षा परिणाम में 30 प्रतिशत से कम परिणाम देने वाले स्कूलों के शिक्षकों पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है। इससे पहले 2022 में लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआइ) ने 30 प्रतिशत से कम परिणाम देने वाले नियमित शिक्षकों की परीक्षा आयोजित कराई थी। इसी को देखते हुए कई जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी (डीइओ) ने कार्रवाई शुरू कर दिया है।

इनमें कुछ जिलों में अतिथि शिक्षकों को भी नहीं पढ़ाने के आदेश जारी किए जा रहे हैं। रायसेन, दमोह सहित अन्य जिलों के डीईओ ने आदेश जारी किए थे। स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लगभग 72 हजार से ज्यादा पद खाली हैं। इन पदों पर हर साल अतिथि शिक्षकों की सेवाएं ली जाती हैं।

यह सेवाएं साल में 10 महीने के लिए ली जाती है। डीईओ के जारी निर्देशों में कहा गया है कि गत सत्र में जिस अतिथि शिक्षक के अध्यापन के विषय या कक्षा का परीक्षा परिणाम 30 प्रतिशत से कम रहा है, उन्हें अतिथि शिक्षक के रूप में किसी भी विद्यालय में आमंत्रित नहीं किया जाएगा।

यदि पैनल के अनुसार अतिथि शिक्षक आमंत्रित किए जाते हैं, तब भी उसके द्वारा पूर्व शालाओं में किए गए अध्यापन का परीक्षा परिणाम देखा जाए। यदि परीक्षा परिणाम तीस प्रतिशत से कम रहा है तो उन्हें अतिथि शिक्षक के रूप में विद्यालय में आमंत्रित नहीं किया जाए। यदि उक्त शिक्षक के विपरीत स्थिति पाई जाती है, तो संबंधित संकुल प्राचार्य की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

नियमित शिक्षकों पर भी कार्रवाई की तैयारी

स्कूल शिक्षा विभाग ने तीस फीसदी से कम रिजल्ट देने वाले अतिथि शिक्षकों की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें किसी भी स्कूलों में दोबारा मौका नहीं दिए जाने का फैसला लिया है। साथ ही 30 प्रतिशत से कम परिणाम देने वाले नियमित शिक्षकों पर भी विभाग कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।

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    प्रिंट मीडिया में कार्य का 33 वर्ष का अनुभव। डिजिटल मीडिया में पिछले 9 वर्ष से कार्यरत। पूर्व में नवभारत इंदौर और दैनिक जागरण इंदौर में खेल संपादक और नईदुनिया इंदौर में संपादकीय विभाग में अहम जिम्‍मेदारियों का

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