कार्यशाला के वरिष्ठ अधिकारियों के संरक्षण में निगम के तानसेन नगर स्थित डिपो में लंबे समय से डीजल चोरी का खेल चल रहा है। इस डिपो से कुल 82 टिपर वाहनों का संचालन किया जाता है।
By Priyank Sharma
Publish Date: Fri, 31 Could 2024 06:06:01 AM (IST)
Up to date Date: Fri, 31 Could 2024 06:06:01 AM (IST)
HighLights
- लंबे समय से डीजल चोरी का खेल चल रहा है
- एक टिपर वाहन को 25 से 30 लीटर डीजल भर दिया जाता है
प्रियंक शर्मा, नईदुनिया। नगर निगम के अधिकारियों के लाख प्रयासों के बावजूद वाहनों से डीजल चोरी रुकने का नाम नहीं ले रही है। निगम अधिकारियों ने अब सभी डिपो पर डीजल वितरण के लिए बाउजर मशीनों का उपयोग शुरू किया है। ऐसे में खुले में डीजल लेने की संभावना खत्म हो गई हैं। इसको देखते हुए डिपो पर तैनात अमले ने वाहनों में डीजल कम देना शुरू कर दिया है। इससे बाउजर में ही डीजल इकट्ठा होता रहता है। इसके बाद सबसे अंत में एक टिपर वाहन को लाकर उसमें 25 से 30 लीटर डीजल भर दिया जाता है, जबकि टिपर वाहनों के लिए अधिकतम छह लीटर डीजल की ही अनुमति है। ये पूरा खेल डिपो प्रभारी की मर्जी और सुपरवाइजर की मौजूदगी में चल रहा है।
दरअसल, कार्यशाला के वरिष्ठ अधिकारियों के संरक्षण में निगम के तानसेन नगर स्थित डिपो में लंबे समय से डीजल चोरी का खेल चल रहा है। इस डिपो से कुल 82 टिपर वाहनों का संचालन किया जाता है। इनमें 71 डीजल टिपर, जबकि 11 सीएनजी टिपर शामिल हैं। पहले बांट के माध्यम से टिपर वाहनों को डीजल दिया जाता था। इस मामले में नईदुनिया के हस्तक्षेप के बाद नगर निगम ने बाउजर मशीनों के माध्यम से वाहनों को डीजल देना शुरू किया, लेकिन यहां भी कर्मचारियों ने सेंध लगा दी है। अब ये कर्मचारी खुले में डीजल ले जाने के बजाय चोरी के लिए टिपर वाहनों का ही उपयोग कर रहे हैं।
इसके लिए भरोसेमंद चालकों का सहारा लेकर डीजल की कालाबाजारी की जाती है। एक सूचना के आधार पर नईदुनिया टीम ने इस मामले की पैरलल इंवेस्टीगेशन की, तो पता चला कि तानसेन नगर डिपो में एक टिपर वाहन एमपी 07 एल 3727 में लगातार 25 से 30 लीटर डीजल दिया जाता है, जिसे संतोष नाम का ड्राइवर चलाता है। गुरुवार की सुबह नईदुनिया टीम डिपो पर पहुंची। यहां साढ़े 10 बजे से टिपर वाहनों का लौटना शुरू हो गया था। दिन की ट्रिप के बाद अगले दिन के लिए वाहनों को चार से पांच लीटर दिया जा रहा था। लगभग साढ़े 11 बजे यहां टिपर क्रमांक एमपी 07 एल 3727 पहुंचा। बाउजर पर तैनात कर्मचारी ने तत्काल ही मशीन में 25 लीटर फीड कर डीजल देना शुरू किया। टीम ने जब पास जाकर टिपर और बाउजर के फोटो खींचे, तो तत्काल ही कर्मचारी ने मशीन को कट कर दिया। तब तक टिपर में 11.07 लीटर डीजल डाला जा चुका था। जब कर्मचारियों से इस बारे में बात की गई, तो उन्होंने कुछ भी जवाब देने से मना कर दिया।
रिपोर्ट में बताया छह लीटर डीजल
इस पूरे मामले में गौर करने वाली बात यह है कि टिपर वाहनों को प्रतिदिन दिए जाने वाले डीजल और उनकी ट्रिप की पूरी रिपोर्ट तैयार की जाती है। गुरुवार को बनाई गई रिपोर्ट में इस टिपर को छह लीटर डीजल देना दर्शाया गया और सिर्फ 37 किमी चलना बताया गया। टिपर का माइलेज 10 किमी प्रति लीटर माना जाता है। ऐसे में नियम के मुताबिक इस टिपर को पांच लीटर डीजल ही दिया जाना था। जब टीम ने इस पूरे मामले की पड़ताल की, तो पता चला कि चिह्नित टिपर में ज्यादा डीजल आ सके, इसलिए उसे एक तरफ से पत्थर पर खड़ा कर टेढ़ा किया जाता है।-बाउजर खराब बताकर किया गुमराह-इस मामले में डिपो से लेकर कार्यशाला तक चल रहे खेल का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डिपो पर खड़े बाउजर मशीन में तकनीकी खामी का बहाना बनाया जा रहा है। निगमायुक्त से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को यह बताया गया है कि एक लीटर फीड करने पर मशीन 1010 मिली डीजल देती है। अधिकारियों द्वारा मशीन को ठीक कराने के बजाय लीटर पर 10 मिली की कटौती की जा रही है। इस मशीन की कुल क्षमता तीन किलो लीटर यानी तीन हजार लीटर है। ऐसे में हर दिन 30 लीटर डीजल बचाकर ठिकाने लगाया जा रहा है।
पहले फर्जी ट्रैक्टर से हो रही थी चोरी
तानसेन नगर डिपो पर पहले फर्जी ट्रैक्टर के माध्यम से डीजल चोरी हो रही थी। ये ट्रैक्टर ग्राम बरा से चलकर सुबह के समय डिपो पहुंचता था। इसे 10 से 12 लीटर डीजल दिया जाता था। इसके बाद ट्रैक्टर का जीपीएस निकालकर बाइक में लगाया जाता था। ऐसे में ये ट्रैक्टर पूरे शहर में घूमता नजर आता था, जबकि नियम के मुताबिक इसे वार्ड 14 में ही चलना था। निगम के कागजों में जो हरे रंग का ट्रैक्टर अनुबंधित था, उसके स्थान पर नीले रंग का पुराना ट्रैक्टर डीजल चोरी में इस्तेमाल होता था। असली ट्रैक्टर डबरा के एक गांव में खेती के काम में आता था। इसका राजफाश भी नईदुनिया ने किया था।वर्जनमैं मामले की जांच कराता हूंतानसेन नगर डिपो में यदि डीजल चोरी के लिए टिपर वाहनों का इस्तेमाल हो रहा है, तो इसे चैक कराया जाएगा। मैं इस मामले की जांच कराऊंगा और दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।हर्ष सिंह, आयुक्त नगर निगम