राजस्व न्यायालयों में छोटी-छोटी मात्रात्मक त्रुटि के कारण लोगों की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। यही स्थिति डेटा में एक-दो अंक आगे पीछे होने पर होती है। ऐसी गलतियां पटवारी, राजस्व निरीक्षक या कोर्ट के क्लर्क से लगातार होते रहती है।
By Radha Krishna Sharma
Publish Date: Sat, 01 Jun 2024 12:56:17 AM (IST)
Up to date Date: Sat, 01 Jun 2024 12:56:17 AM (IST)
नईदुनिया न्यूज,बिलासपुर। प्रदेशभर में जमीन के दस्तावेज में मात्रात्मक और रकबे की गड़बड़ियों के 27 हजार 133 मामले पेंडिंग हैं। ये ऐसे दस्तावेज हैं जिसमें मामूली त्रुटि है उस सुधारने में किसानों या अन्य लोगों को महीनों लग जाते हैं। तहसील कार्यालय का चक्कर काटते-काटते थक जाते हैं। इन गलतियों को सुधारने के लिए राज्य शासन ने तहसीलदारों को जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया है। इससे किसानों सहित अन्य लोग जिनके दस्तावेजों में इस तरह की त्रुटि है उसे सुधारवाने में मदद मिलेगी। कृषि भूमि के ऐसे दस्तावेज जो रकबे से जुड़ी है और त्रुटियां है उसे दुरुस्त करने का अधिकार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के पास ही सुरक्षित रहेगा।
राजस्व न्यायालयों में छोटी-छोटी मात्रात्मक त्रुटि के कारण लोगों की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। यही स्थिति डेटा में एक-दो अंक आगे पीछे होने पर होती है। ऐसी गलतियां पटवारी, राजस्व निरीक्षक या कोर्ट के क्लर्क से लगातार होते रहती है। जल्दबाजी कहें या फिर बेपरवाही। डेटा से लेकर मात्रात्मक गलतियां कर ही देते हैं। गलती करने के बाद इसे सुधारवाना उतना ही कठिन है। सुधार की प्रक्रिया बेहद कठिन है। इन गलतियों को सुधारने का अधिकार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को राज्य शासन ने दिया है। काम की अधिकता कहें या फिर शासकीय कामकाज के अलावा मंत्रियों व आला अफसरों के दौरे में व्यस्तता के कारण अनुविभागीय अधिकारी राजस्व इन फाइलों को निपटा नहीं पा रहे हैं। हालांकि गलतियां छोटी है, पर जिन किसानों या लोगों के राजस्व दस्तावेज में यह गलती है उसे सुधारवाने में महीनों लग जा रहे हैं। छोटी पर महत्वपूर्ण गलतियों को दुरुस्त करने का काम जल्द ही तहसीलदारों को मिलने वाला है। यह उन किसानों व भूमि स्वामियों के लिए राहत भरी खबर है जिनके राजस्व दस्तावेजों में इस तरह की गलतियां है। राज्य शासन द्वारा आदेश जारी करने के बाद ऐसे लोगों को तहसीलदार के समक्ष आवेदन पेश करना होगा। आवेदन के आधार पर तहसीलदार संबंधित पटवारी से प्रतिवेदन व मूल दस्तावेज मंगाएंगे। मूल दस्तावेज और पटवारी प्रतिवेदन के आधार पर गलतियों को सुधारने का काम किया जाएगा।
प्रदेश में लंबित प्रकरणों की स्थिति
सूरजपुर-2,025, बिलासपुर-2,621, राजनांदगांव-1,075, बलमरामपुर- 1,149, रायगढ़-1,796, बलौदाबाजार-1,665, रायपुर-1,398, दुर्ग-1,221, महासमुंद-1,103, कोरबा- 1,212,मुंगेली- 1,032,कबीरधाम- 1,287
वर्जन
राजस्व संबंधी प्रकरणों की पेंडेंसी लगातार बढ़ती जा रही है। मामूली त्रुटियों की वजह से किसानों सहित भूमि स्वामियों को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मात्रात्मक सुधार के लिए शासन ने व्यवस्था की है और जिम्मेदारी भी दी है। किसानों व अन्य भूमि स्वामियों की परेशानी को देखते हुए प्रभार में जरूरी बदलाव का निर्णय शासन स्तर पर लिया गया है। छोटी गलतियों को सुधारने की जिम्मेदारी जल्द ही तहसीलदारों को सौंपी जाएगी। इससे किसानों सहित भूमि स्वामियों को राहत मिलेगी।
रमेश शर्मा, आयुक्त भू अभिलेख छग