झाबुआ पुलिस के अधिकारी बार्डर क्षेत्र का लगातार कर रहे दौरा, सीमावर्ती जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों की हो रही बैठकें।
By Prashant Pandey
Publish Date: Mon, 01 Apr 2024 03:35 PM (IST)
Up to date Date: Mon, 01 Apr 2024 03:43 PM (IST)
HighLights
- तीनों ही राज्यों में लोकसभा चुनाव भी अलग-अलग चरणों में होने जा रहे हैं
- वारदात को अंजाम देकर आपराधिक तत्व गुजरात व राजस्थान राज्य में चले जाते हैं।
- चुनाव करवाने के लिए 29 मार्च को वर्चुअल बार्डर मीटिंग आयोजित की गई थी।
Jhabua Information: नईदुनिया प्रतिनिधि, झाबुआ। झाबुआ जिले की सीमाएं राजस्थान व गुजरात से एकदम सटी हुई हैं। ऐसे में बार्डर क्षेत्र चुनाव के समय हमेशा चुनौतीपूर्ण बन जाता है। कमोबेश इस बार भी यही स्थिति है। झाबुआ जिले के जवाबदार अधिकारी बार-बार निरीक्षण करते हुए वहां पैनी निगाह रख रहे हैं। चुनाव घोषित होने के पहले से ही सीमावर्ती जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बैठकें आयोजित हो रही हैं।
इन बैठकों में वारंटियों की सूची एक दूसरे को देने और सीमा पर शांति स्थापित रखने के साथ हर तरह की अवांछित सामग्री नहीं आने देने के मामले में योजना बनाई जा रही है। तीनों ही राज्यों में लोकसभा चुनाव भी अलग-अलग चरणों में होने जा रहे हैं। भौगोलिक व प्रशासनिक रूप से भले ही तीनों प्रदेश अलग-अलग है। मगर सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक रिश्तें एकदम निकट के हैं।
गोधरा कांड की आंच
गुजरात में 2001 में हुए गोधरा कांड ने सभी को भयभीत कर दिया था। उस कांड से जुड़ा एक आरोपित झाबुआ में आकर रहने लगा था। झाबुआ में आटो चलाते हुए उसने अपने तमाम दस्तावेज भी बना लिए थे। झाबुआ में किसी को कानों-कान उसके बारे में खबर नहीं थी। 11 साल तक वह झाबुआ में रहा।
जब गुजरात पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए झाबुआ आई तो स्थानीय पुलिस को उसके बारे में सूचना मिली। डकैती, हत्या, चोरी आदि की वारदातों के मामले में आए दिन गुजरात, राजस्थान आदि राज्यों की पुलिस जिले में आती रहती है। हर रोज बड़ी संख्या में यातायात आवागमन तीनों राज्यों के बीच होता है।
बना शरणगाह
झाबुआ जिले में वारदात को अंजाम देकर आपराधिक तत्व गुजरात व राजस्थान राज्य में चले जाते हैं। ऐसे में उन्हें ढूंढना पुलिस के लिए मुश्किल हो जाता है। जिले की 60 प्रतिशत आबादी मजदूरी करने के लिए नियमित गुजरात व राजस्थान आती-जाती रहती है।
एक नजर में
-3 राज्य आपस में सटे हुए
-11 मुख्य रास्तें बार्डर के
– 23 किमी झाबुआ से दूर गुजरात बार्डर
– 45 किमी झाबुआ से राजस्थान बार्डर
यह है खतरा
– अपराधी बार्डर पार कभी भी कर जाते है
– अवैध सामग्री का हस्तांतरण आसान
– रेल व सड़क मार्ग से पहुंचना आसान
बार्डर मीटिंग हुई
सीमावर्ती जिलों व राज्यों में निष्पक्ष व शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव करवाने के लिए 29 मार्च को वर्चुअल बार्डर मीटिंग आयोजित की गई थी। इस मीटिंग में झाबुआ एसपी पद्म विलोचन शुक्ल, आलीराजपुर एसपी राजेश व्यास, छोटा उदयपुर गुजरात एसपी राजेन्द्रसिंह चुराश्मा, दाहोद एसपी राजदीपसिंह झाला, बड़वानी एसपी पुनित गेहलोत, राजस्थान बांसवाड़ा के एएसपी डॉ. राजेश भारद्वाज आदि मौजूद थे।