Jashpur Information:ओला वृष्टि और भारी वर्षा ने पठारी क्षेत्र में मचाई तबाही

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Jashpur Information:ओला वृष्टि और भारी वर्षा ने पठारी क्षेत्र में मचाई तबाही

शनिवार की शाम को तेज आंधी और ओलावृष्टि ने जिले में मनोरा, बगीचा और सन्ना के पठारी क्षेत्र में भारी तबाही मचाई है। मौसम की बेईमानी से मिर्ची, बैगन और टमाटर सहित सब्जी की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। तेज आंधी की चपेट में आने से कुछ कच्चे घरों को भी नुकसान होने की सूचना मिल रही है। जिला प्रशासन की टीम नुकसान का आंकलन करने में जुटी हुई

By Yogeshwar Sharma

Publish Date: Solar, 31 Mar 2024 11:09 PM (IST)

Up to date Date: Solar, 31 Mar 2024 11:09 PM (IST)

जशपुरनगर । शनिवार की शाम को तेज आंधी और ओलावृष्टि ने जिले में मनोरा, बगीचा और सन्ना के पठारी क्षेत्र में भारी तबाही मचाई है। मौसम की बेईमानी से मिर्ची, बैगन और टमाटर सहित सब्जी की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। तेज आंधी की चपेट में आने से कुछ कच्चे घरों को भी नुकसान होने की सूचना मिल रही है। जिला प्रशासन की टीम नुकसान का आंकलन करने में जुटी हुई है।

जानकारी के अनुसार शनिवार को दिन भर तेज धूप और तीखी गर्मी ने लोगों को खूब परेशान किया। लेकिन शाम होते होते मौसम ने करवट ली। आसमान में बादल छाने लगे और तेज हवाएं चलने लगी। देखते ही देखते तेज आंधी ने पूरे क्षेत्र को चपेट में ले लिया। आंधी से पेड़ों की शाखाएं टूट कर गिरने लगी। इससे बिजली की आपूर्ति भी प्रभावित हुई। आंधी के साथ तेज वर्षा होने से सड़क से लेकर गांव की गलियों तक पानी भर गया। जानकारी के अनुसार उकई और भट्ठा गांव में भारी ओलावृष्टि हुई है।

प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों के अनुसार ओला वृष्टि का सिलसिला आधा घंटा से अधिक समय तक चलता रहा। मौसम की इस बेईमानी से पठारी क्षेत्र के सब्जी उत्पादक किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इन दिनों खेतों में टमाटर, मिर्च और बैगन की फसल वृहद पैमाने पर लगी हुई है। ओलावृष्टि से इन फसलों के पौधे टूटने के साथ ही पौधों में लगे हुए फल व फूलों को भी नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि उन्होनें कर्ज लेकर फसल लगाई थी। मौसम की मार से वे बर्बादी के कगार पर पहुंच गए है। आर्थिक सहायता के लिए प्रशासन का मुंह ताक रहे हैं।

जंगल को आग से मिली राहत

मौसम में आ रहे बदलाव से बेमौसम हो रही वर्षा और ओलावृष्टि से एक ओर जहां किसानो को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर जंगल को सुलगने वाली आग से राहत मिल रही है। जंगल में वर्षा का पानी के जमाव से पत्तों के गीले हो जाने से आग लगाने वालों की मंसूबों में भी पानी फिर रहा है।

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