राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच की शोध पत्रिका ‘लोक संभाषण’ का लोकार्पण, डॉ इंद्रेश कुमार ने कही ये बातें

डॉ इंद्रेश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीयता और सुरक्षा पर स्तरीय शोध पत्रिका की बहुत कमी थी। आरएसजेएम ने काफ़ी विचार-विमर्श के बाद इस पत्रिका की शुरुआत की है।

By Navodit Saktawat

Publish Date: Wed, 31 Jan 2024 06:26 PM (IST)

Up to date Date: Wed, 31 Jan 2024 06:27 PM (IST)

राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच की शोध पत्रिका ‘लोक संभाषण’ का लोकार्पण, डॉ इंद्रेश कुमार ने कही ये बातें
डॉ इंद्रेश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीयता और सुरक्षा पर स्तरीय शोध पत्रिका की बहुत कमी थी। आरएसजेएम ने काफ़ी विचार-विमर्श के बाद इस पत्रिका की शुरुआत की है।

नई दिल्ली। संप्रेषण के अनेक माध्यम हैं। प्यार और संकेत की भाषा पूरी दुनिया में एक है। हम भारतीयों के डीएनए में प्यार और सहिष्णुता है जिसे दुनिया स्वीकार करती है। ये विचार आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच ( आरएसजेएम) एवं लोक संभाषण के मार्गदर्शक डॉ इंद्रेश कुमार ने दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित आरएसजेएम की द्विभाषी त्रैमासिक शोध पत्रिका ‘लोक संभाषण’ के लोकार्पण कार्यक्रम में व्यक्त किए। डॉ इंद्रेश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीयता और सुरक्षा पर स्तरीय शोध पत्रिका की बहुत कमी थी। आरएसजेएम ने काफ़ी विचार-विमर्श के बाद इस पत्रिका की शुरुआत की है।

इसका उद्देश्य भारत की सुरक्षा और वैश्विक शांति के लिए शोध पर आधारित लेख प्रकाशित कर भारत और दुनिया को जागृत करना है। इस पत्रिका की टीम में देश और दुनिया की नामचीन हस्तियां जुड़ी हैं। अपनी सुयोग्य टीम के बूते संगठन को विश्वास है कि बहुत जल्द ये पत्रिका अपने उद्देश्य में सफलता प्राप्त कर लेगी।

कार्यक्रम के थीम ‘विकसित भारत – वैश्विक शांति’ विषय पर बोलते हुए अपने बीज वक्तव्य में प्रख्यात शिक्षाविद् और एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक पद्मश्री प्रो. जेएस राजपूत ने कहा कि भारत को विकसित करने की शुरुआत प्राइमरी स्कूल स्तर से होनी चाहिए।

इस अवसर पर शोध पत्रिका के संपादक एवं राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) गोलोक बिहारी ने कहा कि विकसित भारत का अर्थ है दिव्य भारत। हमारे विकसित भारत की कल्पना में ही वैश्विक शांति नीहित है।

स्वागत भाषण देते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन प्रो बीडब्ल्यू पांडेय ने कहा कि उनका विश्वास है कि ये शोध पत्रिका राष्ट्र निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि डॉ इंद्रेश कुमार जी के सानिध्य में ये संस्था पूरी ऊर्जा के साथ देशहित में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रही है।

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों के राष्ट्रीय आयोग के सदस्य (NCMEI) प्रो. शाहिद अख्तर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारतीयों में देशभावना पैदा करने का मज़बूत प्रयास किया है। प्रो शाहिद अख्तर ने कहा कि मोदी जी के विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए देशवासियों को एकजुट होकर देश के विकास में अपना योगदान देना चाहिए।

समारोह को आरएसजेएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सैनिक इंटेलिजेंस प्रमुख ले. जे. आरएन सिंह ने कहा कि सुरक्षा पर शोध और सैन्य कार्य दोनों बहुत कठिन है। मंच के दिल्ली प्रांत के अध्यक्ष ले. जे. सुरेश भट्टाचार्या ने कहा कि इस पत्रिका के स्तर की कोई भी शोध पत्रिका सुरक्षा के विषय पर अभी तक उपलब्ध नहीं है इसलिए गोलोक बिहारी जी ने अपनी टीम के साथ मिलकर बहुत बड़ा काम किया है।

जामिया मिल्लिया नेल्सन मंडेला सेंटर फॉर पीस चेयर के डायरेक्टर प्रो. महताब रिज़वी और आईडीएसए के डायरेक्टर डॉ राजीव नयन ने भी इस शोध पत्रिका के महत्त्व पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। समारोह का संचालन डॉ इंद्रप्रीत कौर और सुश्री अनन्या ने बड़े ही प्रभावशाली एवं रोचक ढंग से किया।

इस अवसर पर मिरांडा हाउस की प्रिंसिपल डॉ विजयालक्ष्मी नंदा, आईपी कालेज की प्रिंसिपल डॉ पूनम कुमारी, आईसीपीआर की डायरेक्टर डॉ पूजा व्यास, प्रो निरंजन कुमार, प्रो. रवीन्द्र कुमार, पूर्व वीसी प्रो. राधेश्याम शर्मा, डॉ राजकुमार फुलवरिया, आरएसएस के विभाग प्रचारक अजय कुमार गौतम, डॉ प्रेरणा मल्होत्रा, प्रो गीता सिंह, प्रो मज़हर आसिफ़, डॉ तरुण कुमार गर्ग, प्रो सुधीर सिंह, डॉ इनामुल हक़, डॉ विवेक, तंज़ीम फ़ातमा समेत बड़ी संख्या में प्रोफेसर्स एवं शोधार्थी मौजूद थे। यह जानकारी पत्रकार प्रेरणा कुमारी (कश्यप) ने दिल्ली से दी है।

  • ABOUT THE AUTHOR

    वर्तमान में नईदुनिया डॉट कॉम में शिफ्ट प्रभारी हैं। पत्रकारिता में विभिन्‍न मीडिया संस्‍थानों में अलग-अलग भूमिकाओं में कार्य करने का 21 वर्षों का दीर्घ अनुभव। वर्ष 2002 से प्रिंट व डिजिटल में कई बड़े दायित्‍वों

Aamir Khan had given audition for Laapataa Women, Later was changed by Ravi Kishan | ‘लापता लेडीज’ के लिए आमिर खान ने दिया था ऑडिशन: करना चाहते थे रवि किशन वाला रोल, बाद में बोले- इस किरदार में रवि बेहतर

17 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

आमिर खान की सेकेंड एक्स-वाइफ किरण राव कॉमेडी-ड्रामा फिल्म ‘लापता लेडीज’ से बतौर डायरेक्टर 13 साल बाद कमबैक करने जा रही हैं। 1 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हाेने वाली इस फिल्म में नितांशी गोयल, प्रतिभा रांता और स्पर्श श्रीवास्तव जैसे कलाकार लीड रोल में नजर आएंगे। वहीं मशहूर भोजपुरी एक्टर रवि किशन ने इसमें पुलिस ऑफिसर का अहम रोल निभाया है।

हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में किरण ने बताया कि शुरुआत में आमिर फिल्म में पुलिस ऑफिसर वाला रोल करना चाहते थे। इसके लिए किरण ने उनका ऑडिशन भी लिया था पर बाद में किरण को लगा कि इस किरदार में रवि ज्यादा अच्छे लग रहे हैं और उन्होंने रवि को कास्ट कर लिया।

फिल्म लापता लेडीज में रवि किशन, पुलिस ऑफिसर श्याम मनोहर के किरदार में नजर आएंगे।

फिल्म लापता लेडीज में रवि किशन, पुलिस ऑफिसर श्याम मनोहर के किरदार में नजर आएंगे।

रवि किशन का ऑडिशन टेप देखकर बदली आमिर की राय
‘द वीक’ को दिए एक इंटरव्यू में जब किरण से पूछा गया कि क्या आमिर इस फिल्म में स्पेशल अपीयरेंस देंगे तो किरण ने कहा, ‘आमिर और मैंने इस किरदार पर बहुत लंबा डिस्कशन किया था। मैं चाहती थी कि मनोहर के किरदार को आमिर ही निभाएं। आमिर ने इस रोल के लिए ऑडिशन भी दिया था जो कमाल का था पर जब मैंने उन्हें इसी रोल के लिए रवि किशन का ऑडिशन टेप दिखाया तो आमिर ने खुद कहा कि यह रोल किशन पर ज्यादा सूट कर रहा है।’

फिल्म से जुड़े एक प्रमोशनल इवेंट पर कास्ट के साथ आमिर और किरण।

फिल्म से जुड़े एक प्रमोशनल इवेंट पर कास्ट के साथ आमिर और किरण।

आमिर खुद बोले- इस रोल में रवि बेहतर हैं
किरण ने आगे बताया, ‘मुझे लगता है कि किशन इस किरदार में पूरी तरह से सरप्राइज की तरह हैं। वहीं आमिर का हर किरदार निभाने का अपना एक अलग ही तरीका है। हालांकि, आमिर को बाद में लगा कि वो इस किरदार के साथ जस्टिस नहीं कर पाएंगे। उन्होंने खुद मुझसे कहा कि रवि इस किरदार को बेहतर निभाएंगे।’

पिछले साल टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में इस फिल्म की स्क्रीनिंग की गई थी जहां इसे स्टैंडिंग ओवेशन मिला था।

पिछले साल टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में इस फिल्म की स्क्रीनिंग की गई थी जहां इसे स्टैंडिंग ओवेशन मिला था।

आमिर ने फ्रेश कास्टिंग आइडिया पर किया सपोर्ट
वहीं फिल्म में फ्रेश लीड कास्टिंग के चुनाव पर किरण ने कहा, ‘मैं बहुत लकी हूं कि आमिर ने हमेशा मेरे आइडिया को सपोर्ट किया। उन्हें भी लगा कि चूंकि फिल्म की कहानी नई है, ऐसे में इसकी कास्टिंग भी फ्रेश होना चाहिए।’

इस फिल्म को आमिर ने प्रोड्यूस किया है जो इससे पहले भी ‘पीपली लाइव’, ‘देल्ही बेली’ और ‘तारे जमीन पर’ जैसी लो बजट हिट फिल्में प्रोड्यूस कर चुके हैं।

Banana farming in MP: केले की खेती ने बुरहानपुर के किसानों को किया मालामाल, विदेश तक है डिमांड, जाने क्यों है खास

Banana farming in MP: बुरहानपुर के केलों की डिमांड विदेशों में भी है। साथ ही यहां की केले की चिप्स को भी खूब पसंद किया जाता है।

By Sandeep Paroha

Publish Date: Solar, 04 Feb 2024 09:45 AM (IST)

Up to date Date: Solar, 04 Feb 2024 10:36 AM (IST)

Banana farming in MP: केले की खेती ने बुरहानपुर के किसानों को किया मालामाल, विदेश तक है डिमांड, जाने क्यों है खास
मोटा मुनाफा दे रही केले की खेती

HighLights

  1. बुरहानपुर के केले ने विदेश में बनाई पहचान
  2. खाड़ी देशों में भी बुरहानपुर के केलों की डिमांड
  3. केले की खेती ने किसानों को बनाया समृद्ध

Banana farming in MP नईदुनिया प्रतिनिधि, बुरहानपुर। बुरहानपुर में होने वाली केले की खेती ने न सिर्फ विदेशों में अपनी पहचान बनाई है, बल्कि किसानों को भी समृद्ध किया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार मिलने के कारण किसानों की आमदनी भी बढ़ी है। किसानोंं को इसकी खेती से प्रति एकड़ डेढ़ लाख से ज्यादा का शुद्ध मुनाफा होता है। खाड़ी देशों इराक, ईरान, दुबईए बहरीन और तुर्की में यहां के केले की खासी डिमांड है।

बुरहानपुर के केले के कारण मध्यप्रदेश भी विदेशों में पहचान बना रहा है। वर्तमान में जिले के 19 हजार से ज्यादा किसान 23 हजार 650 एकड़ में केले की खेती कर रहे हैं। सालाना औसतन 16.54 मीट्रिक टन का उत्पादन हो रहा है। इसे केंद्र की योजना एक जिला एक उत्पाद में भी शामिल किया गया है। जिससे निर्यात के अवसर बढ़े हैं।

naidunia_image

केले की चिप्स की भी डिमांड

जिले में मुख्य रूप से जी-9, बसराई, हर्षाली, श्रीमंथी किस्में उगाई जा रही हैं। इसके अलावा यहां बनने वाले केले के चिप्स भी खूब पसंद किए जा रहे हैं। इसकी सप्लाई देश के कई राज्यों में की जा रही है। वर्तमान में सरकारी मदद से केला चिप्स की तीस से ज्यादा इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं। कुछ इकाइयों में केले का पाउडर भी तैयार किया जा रहा है। यही वजह है कि बीते दिनों राष्ट्रीय स्तर पर एक जिला एक उत्पाद पुरस्कारों में बुरहानपुर को स्पेशल मेंशन श्रेणी का पुरस्कार दिया गया है।

दापोरा में पीढ़यों से कर रहे केले की खेती

जिला मुख्यालय से 16 किमी दूर दापोरा गांव में करीब 60 एकड़ जमीन में खेती करने वाले प्रवीण पाटिल का कहना है कि गांव के अधिकांश किसान पीढ़ियों से केले की खेती करते आ रहे हैं। उन्होंने अपने पिता और दादा से खेती के गुर सीखे। प्रवीण बताते हैं कि पहले इतना मुनाफा नहीं होता था। नई तकनीक, सरकारी मदद व मौसम अनुकूल रहने से बीते दो सीजन से अच्छा मुनाफा हो रहा है। बाजार में मांग बढ़ने पर दो से ढाई हजार रुपये प्रति क्विंटल दाम मिले हैं।

प्रवीण ने बताया कि इसकी खेती में प्रति पौधा करीब 140 रुपये लागत आती है। करीब पांच सौ पौधे लगाने पर पांच सौ क्विंटल तक उत्पादन होता है। सीएमवी वायरस जरूर नुकसान पहुंचाता है। यहां का केला दिल्ली और हरियाणा तक जाता है।

इच्छापुर में भी हैं केला उत्पादक किसान

जिला मुख्यालय से 19 किमी दूर इच्छापुर गांव में भी केला उत्पादक किसानों की संख्या ज्यादा है। करीब 25 एकड़ जमीन में खेती करने वाले किसान राहुल चौहान बचपन से केले की खेती सीख गए थे। सत्रह सदस्यों के संयुक्त परिवार में रहने वाले राहुल चार भाइयों में सबसे बड़े हैं।

इतना होता है मुनाफा

लाभ और हानि के बारे में विस्तार से समझाते हुए राहुल चौहान कहते हैं कि यह सब मौसम और बाजार के व्यवहार पर निर्भर करता है। पूर्वजों का मानना था कि ज्यादा पौधे ज्यादा उपज देंगे। पहले एक एकड़ में 18 सौ पौधे लगाते थे। अब एक एकड़ में 12 सौ लगाते हैं। यदि अच्छी तरह से देखभाल हो जाए तो प्रति गुच्छा 30 से 35 किलोग्राम तक का होता है। इसी तरह शाहपुर गांव के राजेंद्र चौधरी भी केले से बेहतर आय ले रहे हैं।

  • ABOUT THE AUTHOR

    भरत मानधन्‍या ने इंदौर स्थित चोइथराम कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज में BAJMC में स्नातक की पढ़ाई की है और स्‍कूल ऑफ इकोनॉमिक्‍स (देवी अहिल्‍या विश्‍वविद्यालय) से MA Economics की उपाधि प्राप्‍त की है।

    पत्रकारिता क …

सच के साथी सीनियर्स: जबलपुर के नागरिकों को मिली फैक्ट चेक की ट्रेनिंग, विश्वास न्यूज ने किया वेबिनार

30 जनवरी को जबलपुर के नागरिकों के लिए ‘सच के साथी-सीनियर्स’ के तहत वेबिनार का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम जागरण न्‍यू मीडिया की फैक्‍ट चेकिंग विंग विश्‍वास न्‍यूज ने आयोजित किया।

By Anurag Mishra

Publish Date: Wed, 31 Jan 2024 07:10 PM (IST)

Up to date Date: Wed, 31 Jan 2024 07:10 PM (IST)

सच के साथी सीनियर्स: जबलपुर के नागरिकों को मिली फैक्ट चेक की ट्रेनिंग, विश्वास न्यूज ने किया वेबिनार
सच के साथी सीनियर्स।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 30 जनवरी को जबलपुर के नागरिकों के लिए ‘सच के साथी-सीनियर्स’ के तहत वेबिनार का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम जागरण न्‍यू मीडिया की फैक्‍ट चेकिंग विंग विश्‍वास न्‍यूज ने आयोजित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को सोशल मीडिया के दौर में भ्रामक खबरों के प्रति सचेत करना है।

फैक्‍ट चेकर पल्लवी मिश्रा ने सोशल मीडिया पर आने वाली भ्रामक खबरों के प्रति उदाहरण देकर समझाया। सच हमेशा तथ्यों की कसौटी पर खरा उतरता है, इसलिए सोशल मीडिया पर आने वाली खबरों पर जांच के बाद ही विश्वास करें। उन्होंने कहा कि स्वस्थ सूचनाओं से एक स्वस्थ मानसिक सेहत बनती है।

naidunia_image

कार्यक्रम के दौरान फैक्‍ट चेकर उमम नूर ने बताया कि आज के दौर में एआई कितना खतरनाक है। उन्होंने वेबिनार में रश्मिका मंदाना, सचिन तेंदुलकर और पेंटागन पर फेक हमले का डीपफेक वीडियो दिखाया। यह देख सभी लोग हैरान रह गए। उसके बाद उन्होंने उदाहरण दिए कि किस तरह इन डीपफेक वीडजियो ने नुकसान किया था। उन्होंने बताया कि डीपफेक वीडियो को बारीकी से देखने के बाद समझा जा सकता है। कुछ ऐसे टूल्स हैं, जिनसे वीडियो की सच्चाई के बारे में पता लगाया जा सकता है।

पल्लवी ने बताया कि किसी भी पोस्ट की सच्चाई या सोर्स का पता लगाना है कि तो गूगल रिवर्स इमेज का यूज किया जा सकता है। किसी भी खबर का सोर्स पता लगने से उसकी सच्चाई पता लग सकती है।

इन राज्‍यों के नागरिकों को मिल चुका है प्रशिक्षण

राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार में नागरिकों के लिए सेमिनार और वेबिनार का आयोजन हो चुका है। वह फैक्‍ट चेकिंग का प्रशिक्षण ले चुके हैं। यह कार्यक्रम गूगल न्यूज इनिशिएटिव (जीएनआई) के सहयोग से संचालित हो रहे हैं। इस कार्यक्रम का अकादमिक भागीदार माइका (मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंस, अहमदाबाद) है।

  • ABOUT THE AUTHOR

    अनुराग मिश्रा नईदुनिया डिजिटल में सब एडिटर के पद पर हैं। वह कंटेंट क्रिएशन के साथ नजर से खबर पकड़ने में माहिर और पत्रकारिता में लगभग 3 साल का अनुभव है। अनुराग मिश्रा नईदुनिया में आने से पहले भास्कर हिंदी और दैन

100 days accomplished after ‘twelfth fail’, twelfth fail, vikrant massey, 100 days completes, success occasion, ott, theaters, filmfare finest movie award | ‘twelfth फेल’ के 100 दिन पूरे: डायरेक्टर की वाइफ बोलीं- यह फिल्म देखने कोई नहीं जाएगा, ओटीटी पर रिलीज करने का दिया था सुझाव
  • Hindi Information
  • Leisure
  • Bollywood
  • 100 Days Accomplished After ‘twelfth Fail’, twelfth Fail, Vikrant Massey, 100 Days Completes, Success Occasion, Ott, Theaters, Filmfare Finest Movie Award

16 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

पिछले साल 27 अक्टूबर को रिलीज हुई फिल्म ‘twelfth फेल’ ने सफल 100 दिन पूरे कर लिए हैं। ओटीटी पर रिलीज होने के बावजूद फिल्म अभी भी सिनेमाघरों में लगी हुई है। ‘twelfth फेल’ की टीम ने शनिवार को फिल्म की सफलता का जश्न मनाया। इस मौके पर विधु विनोद चोपड़ा ने मीडिया को बताया कि सभी ने उनसे कहा था कि फिल्म 30 लाख रुपये से ज्यादा का कारोबार नहीं करेगी। यहां तक कि फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज करने की बात भी कही थी।

'12th फेल' फिल्म में मनोज शर्मा के किरदार में विक्रांत मैसी ने खुद को पूरी तरह से झोंक दिया था।

‘twelfth फेल’ फिल्म में मनोज शर्मा के किरदार में विक्रांत मैसी ने खुद को पूरी तरह से झोंक दिया था।

लोगों को ‘twelfth फेल’ फिल्म पर शक था
अनुराग पाठक की किताब पर आधारित इस फिल्म को हाल ही में फिल्मफेयर बेस्ट फिल्म के अवॉर्ड से भी नवाजा गया है। इंटरव्यू के दौरान फिल्म के डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा ने कहा- आज के 100 दिन पहले, इसी स्क्रीन पर हमारी फिल्म का पहला शो था। मेरे लिए बॉक्स ऑफिस के आंकड़े सीमित होते हैं। मेरे लिए ये ज्यादा मायने रखता है कि आपने किस इरादे से फिल्म बनाई है? आप फिल्म क्यों बना रहे हैं? अगर आप ईमानदारी के साथ कोई फिल्म बनाते हैं, तो फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छे नंबर्स ला सकती है और दर्शकों के दिल को भी छू सकती है।

जब मैं फिल्म बना रहा था, तो मुझे मेरी वाइफ सहित सभी ने इसे ओटीटी पर रिलीज करने की सलाह दी थी। विधु विनोद चोपड़ा की वाइफ अनुपमा चोपड़ा एक फिल्म क्रिटिक हैं। उन्होंने पति से कहा- विनोद से मिलने थीएटर में लोग नहीं आएंगे। तेरी और विक्रांत की फिल्म देखने कोई नहीं जाएगा।

डायरेक्टर ने फिल्म की मेकिंग और प्रमोशन पर अपने पैसे लगाए
विधु विनोद चोपड़ा ने आगे बताया की ट्रेड एजेंसियां ​​​​लिख रही थीं कि ‘twelfth फेल’ ओपनिंग- डे पर 2 लाख कमा पाएगी। इस फिल्म का लाइफटाइम कलेक्शन 30 लाख के आस-पास ही पहुंच पाएगा। सच कहूं तो हर किसी ने मुझे डरा दिया था।

मीडिया से बातचीत में डायरेक्टर ने आगे बताया कि वे ‘twelfth फेल’ के साथ आगे बढ़े क्योंकि उन्हें फिल्म पर विश्वास था। इसलिए उन्होंने फिल्म बनाने से लेकर फिल्म की मार्केटिंग तक खुद के पैसे लगाए थे। हालांकि फिल्म की शुरुआत जरूर छोटे आंकड़ों से हुई, लेकिन आज देखो फिल्म कहां से कहां पहुंच गई है।

इस फिल्म के डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा हैं।

इस फिल्म के डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा हैं।

अनुपमा चोपड़ा भी इस इवेंट में थीं
फिल्म की सक्सेस इवेंट में अनुपमा चोपड़ा भी मौजूद थीं। उन्होंने कहा- यहां मेरा योगदान बहुत कम है। सफलता का पूरा-पूरा श्रेय फिल्म की टीम को जाता है। विधु विनोद चोपड़ा सही हैं- मैंने उनसे कहा था कि मुझे नहीं पता कि इस फिल्म को देखने के लिए थिएटर में कौन आएगा। मैं पब्लिक प्लेटफॉर्म पर कहती हूं कि यहां मैं गलत थी और आप सही हैं।

विधु विनोद चोपड़ा ने मुन्नाभाई MBBS, 3 इडियट्स और पीके जैसी फिल्मों का निर्माण किया है। इसके अलावा उन्होंने एकलव्य, शिकारा और परिंदा जैसी फिल्मों का डायरेक्शन भी किया है।

विधु विनोद चोपड़ा ने मुन्नाभाई MBBS, 3 इडियट्स और पीके जैसी फिल्मों का निर्माण किया है। इसके अलावा उन्होंने एकलव्य, शिकारा और परिंदा जैसी फिल्मों का डायरेक्शन भी किया है।

फिल्म की कहानी क्या है
यह फिल्म राइटर अनुराग पाठक की बुक ‘twelfth फेल’ पर बेस्ड है। फिल्म का टाइटल भी सेम ही रखा गया है। फिल्म का मुख्य सार यही है कि हारा वही है जो लड़ा नहीं। विधु विनोद चोपड़ा की ये फिल्म वैसे तो आईपीएस मनोज कुमार शर्मा की असल जिंदगी से इंस्पायर्ड है, लेकिन इसमें देश के हर गांव और छोटे शहरों के युवाओं की कहानी है।

Gwalior JU Information: जेयू की संबद्धता प्रक्रिया पर दतिया विधायक ने उठाए सवाल, उच्च शिक्षा विभाग ने भी नाराजगी जताई

Gwalior JU Information: जीवाजी विश्वविद्यालय की संबद्धता प्रक्रिया को दतिया विधायक राजेन्द्र भारती ने आड़े हाथ ले लिया है। विधायक भारती ने जेयू से संबद्धता प्राप्त प्राइवेट महाविद्यालयों की जानकारी विधानसभा सत्र में मांगी है।

By anil tomar

Publish Date: Solar, 04 Feb 2024 09:44 AM (IST)

Up to date Date: Solar, 04 Feb 2024 09:44 AM (IST)

Gwalior JU News: जेयू की संबद्धता प्रक्रिया पर दतिया विधायक ने उठाए सवाल, उच्च शिक्षा विभाग ने भी नाराजगी जताई

HighLights

  1. प्राइवेट कालेजों से जुडी जानकारी मांगी, नहीं दी तो निरस्त को सकती है संबद्धता
  2. जीवाजी विश्वविद्यालय की संबद्धता प्रक्रिया को दतिया विधायक राजेन्द्र भारती ने आड़े हाथ ले लिया है

Gwalior JU Information: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जीवाजी विश्वविद्यालय की संबद्धता प्रक्रिया को दतिया विधायक राजेन्द्र भारती ने आड़े हाथ ले लिया है। विधायक भारती ने जेयू से संबद्धता प्राप्त प्राइवेट महाविद्यालयों की जानकारी विधानसभा सत्र में मांगी है। इसको लेकर उन्होंने शिक्षा मंत्री से भी सवाल जवाब किए है, इतना ही नहीं झुंडपुरा के विवादित कालेज के बारे में भी खूब चर्चा हुई है। जेयू के अधिकारियों ने काफी मशक्कत और उच्च शिक्षा विभाग के विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी डा. धीरेन्द्र शुक्ल की नाराजगी के बाद शनिवार को आदेश जारी कर दिया है जिसमें संबंधित कालेजों से जल्द से जल्द सभी जानकारी जेयू में जमा करवाने की बात कही है। कालेज संचालकों को चेतावनी देते हुए यह भी कहा गया है कि जानकारी उपलब्ध न करवाने की स्थिति में उनकी संबद्धता समाप्त की जा सकती है।

दरअसल, विधायक भारती ने महाविद्यालय के स्टाफ का उपस्थिति पत्रक, वेतन पत्रक, बैंक खातों में डाली गई राशि, कैशबुक की प्रति, स्टाफ को वेतन भुगतान की वर्षवार जानकारी और छात्रवृत्ति भुगतान की वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कहा था, उनके पत्र के जवाब में जेयू ने कहा कि ‘जानकारी जीवाजी विश्वविद्यालय से संबंधित नहीं है’। इस पर उच्च शिक्षा विभाग के विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी डा.धीरेन्द्र शुक्ल ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए उच्च शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक और जीवाजी विश्वविद्यालय कुलसचिव को पत्र लिख दिया।

अलर्ट पर आया जेयू प्रशासन

उच्च शिक्षा विभाग के नाराजगी भरे पत्र के बाद जेयू प्रशासन अलर्ट मोड़ में आ गया है। जेयू ने शनिवार को दतिया के 26 प्राइवेट कालेजों को पत्र लिख कर हिदायत दी है कि यदि महाविद्यालयों द्वारा उक्त जानकारी निर्धारित प्रपत्रों में अंकित कर प्रेषित नहीं की जाती है तो विधानसभा में समय पर जानकारी प्रस्तुत नहीं हो सकेगी। इसके बाद संबंधित के विरुद्ध शासन या विश्वविद्याल द्वारा सम्बद्धता समाप्त करने की कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी। अगर ऐसा होता है तो संबंधित महाविद्यालय के प्राचार्य व संचालक स्वयं जिम्मेदार होंगे।

प्राइवेट कालेजों को बताना होगा

  • अशासकीय महाविद्यालय का नाम।
  • समिति का नाम और पता।
  • किस भवन में महाविद्यालय संचालित है।
  • पदस्थ प्राचार्य का नाम, पता।
  • अशासकीय महाविद्यालय का पूर्ण पता।
  • महाविद्यालय में उपलब्ध फर्नीचर व उपकरण की संख्या।
  • स्टाफ के वेतन भुगतान की जानकारी।
  • काज कोड व 28 के अंतर्गत पदस्थ शिक्षकों की संख्या व नाम।
  • काज कोड 28 के अतिरिक्त पदस्थ शिक्षकों की संख्या व नाम।
  • ABOUT THE AUTHOR

    2000 से पत्रकारिता में हूं। दैनिक जागरण झांसी, नवभारत में रिपोर्टर के रूप में काम किया है। दैनिक भास्कर भीलवाड़ा, अजमेर में रिपोर्टर रहा। 2007 से 2013 तक दैनिक भास्कर के मुरैना कार्यालय में ब्यूरो चीफ के रूप मे

Meenakshi Lekhi: केरल में ‘भारत माता की जय’ नहीं बोलने पर महिला पर भड़की मीनाक्षी लेखी, कार्यक्रम से बाहर निकाला, देखिए वीडियो

Meenakshi Lekhi Kozhikode Video: विदेश एवं सांस्कृतिक मामलों की राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी को यहां दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा आयोजित सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।

Priya Dutt Interview; Speaks About Overcoming Most cancers Concern and Therapy | प्रिया दत्त बोलीं- कैंसर से डरना नहीं, लड़ना है: कहा- कैंसर का मतलब मौत नहीं, सही समय पर इलाज जरूरी, जागरूक होना सबसे अहम

मुंबई5 घंटे पहलेलेखक: आशीष तिवारी

  • कॉपी लिंक

आज वर्ल्ड कैंसर डे (4 फरवरी) है। इस मौके पर दैनिक भास्कर ने पूर्व लोकसभा सांसद और सोशल वर्कर प्रिया दत्त से बात की। प्रिया दिवंगत एक्टर सुनील दत्त और नरगिस की बेटी हैं। 1981 में नरगिस की कैंसर से मौत के बाद सुनील दत्त ने नरगिस दत्त फाउंडेशन की शुरुआत की थी। यह फाउंडेशन कैंसर से पीड़ित मरीजों की मदद और उन्हें अच्छी चिकित्सा मुहैया कराने की सोच से शुरू किया गया था।

सुनील दत्त के निधन के बाद प्रिया दत्त ने इस फाउंडेशन को आगे बढ़ाया। आज इस फाउंडेशन के जरिए हजारों कैंसर पेशेंट की मदद की जा चुकी है। प्रिया ने कहा कि हमें कैंसर से डरना नहीं बल्कि लड़ना है। लोग कैंसर का नाम सुनकर ही डर जाते हैं। उन्हें लगता है कि कैंसर का मतलब मौत ही है। ऐसा नहीं है, अगर सही समय पर इसका इलाज हो जाए तो इससे बचा जा सकता है।

जिनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं, हमारा फाउंडेशन उन्हीं के लिए काम करता है
प्रिया दत्त ने कहा, ‘कैंसर के लिए अवेयरनेस फैलाने के लिए हमने 1981 में नरगिस दत्त फाउंडेशन की शुरुआत की थी। उस वक्त तक ज्यादातर लोगों को इस बीमारी के बारे में पता नहीं था। हालांकि उस वक्त इसके पेशेंट भी कम हुआ करते थे। आज यह संख्या काफी बढ़ गई है, लेकिन एक बात अच्छी है कि लोग अब पहले की तुलना में ज्यादा जागरूक हो गए हैं।

कैंसर से डरने की जरूरत नहीं, बस जागरूकता होनी चाहिए
प्रिया ने कहा कि लोगों को कैंसर का नाम सुनकर डरने की जरूरत नहीं है। कैंसर की तुलना में अभी भी हार्ट अटैक से ज्यादा लोग मरते हैं। लोगों को लगता है कि कैंसर का मतलब मौत है। ऐसा नहीं है, अगर सही समय में बीमारी का पता चल जाए तो इसे ठीक किया जा सकता है। हमें बस जागरूकता दिखानी है।

अगर बॉडी में कुछ भी परेशानी दिखे, उसकी तुरंत जांच करानी चाहिए। मुंह में भी कुछ हुआ तो उसे छाला समझ कर इग्नोर मत कीजिए। हमें कैंसर से डरना नहीं बल्कि लड़ना है। हमें समय-समय पर टेस्ट कराते रहना चाहिए। अगर बीमारी को जल्दी डिटेक्ट कर लिया तो इसका ट्रीटमेंट भी आसान और सस्ता हो जाता है।

कोई मरीज पैसे के अभाव में अपनी जान न गंवाए, यही फाउंडेशन का लक्ष्य
प्रिया दत्त ने कहा कि उनका ऑर्गेनाइजेशन मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के साथ मिलकर काम करता है। नरगिस दत्त फाउंडेशन मरीजों को वहां भेजती है। उनके लिए फंड्स इकट्ठा करती है। पेशेंट्स की काउंसलिंग भी करती है।

साधारण से साधारण व्यक्ति भी फाउंडेशन तक पहुंच सकता है
अगर किसी छोटे शहर के व्यक्ति को आपके फाउंडेशन तक पहुंचना हो तो क्या करना पड़ेगा। जवाब में उन्होंने कहा, ‘हमारी वेबसाइट है। वहां फोन नंबर्स भी दिए गए हैं। सोशल मीडिया पर भी हमारा प्रेजेंस है। जब आप गूगल पर नरगिस दत्त फाउंडेशन टाइप करेंगे तो सारी जानकारियां मिल जाएंगी।

जब भी हमारे पास किसी मरीज का फोन आता है, सबसे पहले हम उसका रिकॉर्ड देखते हैं। फिर उसे डॉक्टर्स को दिखाते हैं। सारी रिपोर्ट्स को देखने के बाद डॉक्टर्स मिलने का समय देते हैं।

फिर हमारे यहां से मरीजों को कॉल जाती है और उन्हें मुंबई बुलाया जाता है। हम कोशिश करते हैं कि कोई भी मरीज हमारे यहां से निराश न लौटे। अगर वो हमारी क्राइटेरिया में फिट नहीं भी बैठा तो भी हम उसके लिए किसी न किसी तरीके से दूसरी व्यवस्था जरूर करते हैं।’

डोनेशन का 85% पैसा मरीजों में लगता है
प्रिया ने कहा कि उनकी 15 लोगों की टीम है। सबको अलग-अलग काम दिए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारी छोटी सी टीम है। सबको पता है कि उन्हें क्या करना है। हमारी रोज मीटिंग्स होती हैं। हम रोज इस बात पर चर्चा करते हैं कि आज कितने मरीजों ने हमसे संपर्क करने की कोशिश की है।

पहले हमारे पास डोनेशन से जितने भी रुपए आते थे, वो हम सारे मरीजों के इलाज में लगा देते थे। अभी हम उसमें से 15% रख लेते हैं। डोनेशन का 85% पैसा मरीजों में लगता है। ऑफिस और स्टाफ के खर्चे भी तो निकालने पड़ते हैं। पहले इसे मैं अपने खर्चे से मैनेज करती थी, अब चूंकि टीम बड़ी हो गई है, काम भी बढ़ गया है। इसलिए अलग से पैसे लगने स्वाभाविक हैं।’

प्रिया ने कहा- खुद को मजबूत बनाना पड़ता है
आप अपने सामने रोज कैंसर के मरीजों को देखती हैं, उनके दुख और दर्द को फेस कैसे करती हैं। जवाब में प्रिया ने कहा, ‘अपने आप को थोड़ा मजबूत तो बनाना ही पड़ता है। मैं 13 साल की थी, जब मेरी मां नरगिस दत्त को कैंसर हुआ था। एक साल तक वो बहुत दर्द में रहीं। मैंने वो चीज झेली है। वहीं से मेरे अंदर हिम्मत आई।’

नरगिस ने जाते-जाते अपनी बातों से फाउंडेशन की नींव रख दी थी
नरगिस दत्त फाउंडेशन स्टार्ट करने की सोच कहां से आई? प्रिया ने कहा, ‘पिता सुनील दत्त मां का इलाज कराने अमेरिका ले गए थे। उस बीमारी की हालत में भी मां ने कहा कि आप मुझे तो यहां तक ले आए, लेकिन जरा उनके बारे में सोचिए जो इतना महंगा ट्रीटमेंट अफोर्ड नहीं कर सकते हैं। मां की उन्हीं बातों ने नरगिस दत्त फाउंडेशन की नींव रख दी थी।

पिताजी ने अमेरिका में इस फाउंडेशन की शुरुआत की। वहां के लोगों ने उनकी काफी मदद की। पिताजी जब तक जीवित थे, तब तक इस फाउंडेशन को खुद के पैसे से चलाते रहे। वो किसी से फंड मांगने में हिचकिचाते थे। उनके निधन के बाद मैंने इसका चार्ज लिया। फाउंडेशन को बहुत बड़े लेवल पर आगे ले जाना था, इसलिए मैंने फंड इकट्ठा करना शुरू किया।’

अगर उस वक्त आज के जैसी एडवांस सुविधाएं होतीं तो क्या नरगिस जी को बचाया जा सकता था? जवाब में प्रिया दत्त ने कहा, ‘मां को पैंक्रियाटिक कैंसर था, जो आज भी बहुत खतरनाक है। हालांकि वो फाइटर थीं, हम कह सकते हैं कि आज के समय में ऐसा हुआ होता तो वो सर्वाइव कर सकती थीं।’

मां की तबीयत की वजह से फैमिली ने झेली कठिनाइयां
प्रिया ने कहा कि मां की तबीयत की वजह से उनकी एक साल की पढ़ाई बाधित हो गई थी। पूरा दत्त परिवार नरगिस जी के इलाज के लिए अमेरिका शिफ्ट हो गया था। प्रिया कहती हैं, ‘मैं, संजू और मेरी बहन, हम सभी उस वक्त ज्यादा समझदार नहीं हुए थे। पिताजी भी बहुत टूट चुके थे। हम लोग उन्हें भी संभालने में लगे थे।

मजबूरी ऐसी थी कि हम लोग खाना बनाना भी सीख गए थे। पिताजी ने तो खाना-पीना सब कुछ छोड़ दिया था। हम सोचते थे कि शायद हम लोग उनके लिए कुछ बनाएं तो वो खा सकते हैं।

पिताजी को लगता था कि वो अकेले हम लोगों को कैसे संभालेंगे। उस वक्त तक मां ही थीं, जो घर-द्वार से लेकर बच्चों तक पर सारा ध्यान देती थीं। पिताजी की लाइफ काफी ज्यादा व्यस्त रहती थी। हालांकि समय के साथ पिताजी को एहसास हुआ कि अब अपने बच्चों के लिए मां और बाप दोनों वही हैं। वो फिर से एक्टिव हुए और अपने बच्चों के लिए जीने लगे।’

मां-बाप ने साधारण तरीके से परवरिश की
प्रिया के मुताबिक, उनके माता-पिता ने कभी यह महसूस नहीं कराया कि हम कितने बड़े स्टार्स के बच्चे हैं। उन लोगों ने बहुत साधारण तरीके से हमारी परवरिश की। प्रिया ने कहा, ‘पिताजी काफी स्ट्रिक्ट थे। वे इस बात पर हमेशा जोर देते थे कि लाइफ में कोई भी चीज आसानी से नहीं मिलती है, इसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। पिताजी कभी अपनी जड़ों को नहीं भूलते थे।’

IND vs ENG Visakhapatnam Take a look at: विशाखापत्तनम टेस्ट के तीसरे दिन टीम इंडिया की नजर विशाल बढ़त पर, जानिए मैच का अपडेट

IND vs ENG 2nd Take a look at third Day LIVE: भारत ने पहली पारी में 396 रन बनाए थे। जवाब में इंग्लैंड की टीम 253 पर ढेर हो गई थी।

By Arvind Dubey

Publish Date: Solar, 04 Feb 2024 08:53 AM (IST)

Up to date Date: Solar, 04 Feb 2024 08:54 AM (IST)

IND vs ENG Visakhapatnam Test: विशाखापत्तनम टेस्ट के तीसरे दिन टीम इंडिया की नजर विशाल बढ़त पर, जानिए मैच का अपडेट
यशस्वी जायसवाल ने पहली पारी में रिकॉर्ड 209 रनों की पारी खेली थी।

HighLights

  1. भारत-इंग्लैंड दूसरे टेस्ट का आज तीसरा दिन
  2. भारत की दूसरी पारी जारी
  3. 5 टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 से पीछे है टीम इंडिया

एजेंसी, विशाखापत्तनम (IND vs ENG 2nd Take a look at third Day)। भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट सीरीज का दूसरा टेस्ट विशाखापत्तनम में खेला जा रहा है। रविवार को टेस्ट का तीसरा दिन है। टीम इंडिया के पास विशाल बढ़त हासिल करने का मौका है।

दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक भारत ने अपनी दूसरी पारी में बिना कोई विकेट गंवाए 28 रन बना लिए थे और उसकी कुल बढ़त 171 रन हो गई थी। बता दें, भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था।

भारत ने पहली पारी में 396 रन बनाए थे। जवाब में इंग्लैंड की टीम 253 पर ढेर हो गई थी। भारत की ओर से तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने 45 रन देकर छह विकेट लिए थे।

भारत की प्लेइंग-11: रोहित शर्मा (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, श्रेयस अय्यर, रजत पाटीदार, केएस भरत, रविचंद्रन अश्विन, कुलदीप यादव, अक्षर पटेल, जसप्रीत बुमराह और मुकेश कुमार।

इंग्लैंड की प्लेइंग-11: जैक क्रॉली, बेन डकेट, ओली पोप, जो रूट, जॉनी बेयरस्टो, बेन स्टोक्स (कप्तान), बेन फोक्स, रिहान अहमद, टॉम हार्टली, शोएब बशीर, जेम्स एंडरसन

  • ABOUT THE AUTHOR

    करियर की शुरुआत 2006 में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के हिंदी सांध्य दैनिक ‘प्रभात किरण’ से की। इसके बाद न्यूज टुडे और हिंदी डेली पत्रिका (राजस्थान पत्रिका समूह) में सेवाएं दीं। 2014 में naidunia.com से डिजिटल की

Delhi Operation Lotus: आज आतिशी को नोटिस जारी करेगी क्राइम ब्रांच, भाजपा पर लगाए थे AAP विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप

Delhi Operation Lotus: 27 जनवरी को केजरीवाल और आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाए थे कि भाजपा ने आम आदमी पार्टी के 7 विधायकों से सम्पर्क साधा है और उन्हें 25-25 करोड़ रुपए का लालच दिया है।

By Arvind Dubey

Publish Date: Solar, 04 Feb 2024 08:13 AM (IST)

Up to date Date: Solar, 04 Feb 2024 08:22 AM (IST)

Delhi Operation Lotus: आज आतिशी को नोटिस जारी करेगी क्राइम ब्रांच, भाजपा पर लगाए थे AAP विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप

एजेंसी, नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार भाजपा पर ऑपरेशन लोटस (Operation Lotus) के आरोप लगाकर बुरी तरह फंस गई है। भाजपा की शिकायत पर दिल्ली क्राइम ब्रांच ने इसकी जांच शुरू कर दी है।

एक दिन पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नोटिस जारी किया गया था। आज मंत्री आतिशी मार्लेना को नोटिस जारी किया जाएगा। इससे पहले शनिवार को क्राइम ब्रांच के अधिकारी केजरीवाल के साथ ही आतिशी के घर भी पहुंचे थे, लेकिन वो पंजाब चली गई थीं।

बता दें, 27 जनवरी को केजरीवाल और आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाए थे कि भाजपा ने आम आदमी पार्टी के 7 विधायकों से सम्पर्क साधा है और उन्हें 25-25 करोड़ रुपए का लालच देकर केजरीवाल सरकार को गिराने में मदद करने को कहा है।

  • ABOUT THE AUTHOR

    करियर की शुरुआत 2006 में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के हिंदी सांध्य दैनिक ‘प्रभात किरण’ से की। इसके बाद न्यूज टुडे और हिंदी डेली पत्रिका (राजस्थान पत्रिका समूह) में सेवाएं दीं। 2014 में naidunia.com से डिजिटल की